Tuesday, October 22, 2019

अदृश्य प्रेमिका



अदृश्य प्रेमिका 

मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है।

उसकी खुशबू मेरी हवा में है
उसकी सूरत मेरी दुआ में है
उसको कभी नहीं देखा न उसको कोई नाम दिया है
मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है।

वो चलती मेरे साथ में है
रास्ते की बरसात में है
बरसाती चादर ओढ़े चलते चलते आराम किया है  
मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है।

काली रात के अंधियारे में
कहा कान के गलियारे में
आओ चलो दूर चलें संसार का सागर पार किया है
मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है।

उसको भी कोई दुःख होगा,
दुखियारे के पास सुख होगा
दुःख के पथ पर चलते जाएँ ऐसा सपना देख लिया है
मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है।

दुखिया ने दुखिया को चुना 
दुःख दुःख का ताना बाना बुना
दुःख का कहीं क्षितिज होगा यह हमने मान लिया है
मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है।

उसका हाथ मेरे हाथ में है
हरदम रहती मेरे साथ में है
पर दिखाई नहीं देती अपना रूप ऐसा बाँध लिया है
मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है। 

चल निकला हूँ बिना डर के
उसके ऊपर विश्वास करके
अब कहीं भी ले जाए उसको साथी मान लिया है
मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है।

कौन है वो मैं नहीं जानता
सदा संग रहेगी यही मानता
दोनों के दुःख मिट जाएंगे ऐसा हमने जान लिया है
मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है। 

जो कुछ दिखाई नहीं देता
हमसे कुछ भी नहीं लेता
जो दिखलाई दे रहा उसका छल तो जान लिया है
मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है।

उसके पास बैठकर पूछा 
मेरा ही क्यों नाम सूझा
भीड़ भरे संसार में तुम को ही अकेला पा लिया है
मुझको लगता है हरदम, उसने मेरा नाम लिया है। 

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